किसान कौन?
अरे सुनो जी टिकरी बॉर्डर वाले किसान
तुम खुद को किसान बोलते हो |
अरे अगर तुम किसान होते तो ,
यू न अपना घर द्वार छोड़कर महीनों बिताते हैं |
अगर तुम असली किसान होती तो तुम्हारे घर पर खाने के लाले पड़ जाते |
किसान तो वह है जो एक दिन काम न करे तो ,
उसके घर का चूल्हा नहीं जलता |
तुम खुद को किसान बोलते हो ;
अरे ! सुनो जी टिकरी बॉर्डर वाले किसान ,
तुम तो घर से दूर रहकर भी यूं नए - नए पोशाक बदलते हो,
जो असल में किसान हैं उनसे पूछो वह साल में कितने कपड़े खरीदते हैं |
अरे ! सुनो जी टिकरी बॉर्डर वाले किसान
तुम तो बस यूं ही राजनीति कर रहे हो ,
और नाम दे रहे हो किसानों की |
क्या तुम्हें नहीं दिखता इस वक्त वायरस के चंगुल में जूझ रहा है देश |
अगर तुम किसान होते तो ,
तुम्हें फिक्र होती अपने बाल बच्चों की ना की राजनीति की |
अरे! सुनो जी टिकरी बॉर्डर वाले किसान |
By :- Pooja Rauniyar
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